रविवार की सुबह 7 जुलाई को इस्लामी नव वर्ष के मोके पर हर नव वर्ष पर मनाई जाने वाली वार्शिक परम्परा के अनुसार 159 कारिगारो ने पवित्र काबा का किसवा बदला।
पवित्र काबा से पुराने किस्वाह को हटाकर उसकी जगह एक नया किस्वाह लगाया जाता है, इसमे चार अलग-अलग पक्ष और दरवाजे का पर्दा होता है।
मक्का मे यूवाओ का एक गुरुप हाथो से रेशम, चाँदी, और सोने के धागो का उपयोग करके काबा का किस्वा बुनते हैं। गिलाफ़ ऐ काबा का किस्वाह बनाने के लिए कई स्टेजेस से गुज़रते हैं।
- किस्वा का वजन 1,350 किलोग्राम है।
- ये किस्वा 14 मीटर ऊंचा है।
- किस्वाह 1,000 किलोग्राम रेशम जिसे परिसर के भीतर काले रंग से रंगा गया।
- किसवाह में 1,20 किलोग्राम सोने के धागे का उपयोग किया जाता है।
- किसवाह को बनाने में 100 किलोग्राम चाँदी के धागे का उपयोग होता है।
मक्का मे किस्वा अल काबा फैक्ट्री है जो 45 साल से गिलाफ़ ऐ काबा का किस्वा का उत्पादन कर रही हैं इस फैक्ट्री की स्थापना 1977 में हुई थी। इस फैक्ट्री में 200 कर्मचारी काम करते हैं, जिसमें से 115 सिर्फ कढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। ये फैक्ट्री गिलाफ का उत्पादन छह से आठ माहिने में पूरा कर लेती हैं।